Friday, October 7, 2016

शीशा

* पिता - मेरे लिए एक शीशा लेकर आओ जिसमे मैं अपना मुँह देख सकूँ

.

बेटा - नहीं मिला पिताजी, सब में मेरा ही मुँह दिख रहा है


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